मेरी कविता "सांसें"… एक कहानी उस बेटे की जो अपनी माँ के सामने आखिरी सांसें ले रहा है…और कह रहा है, भले ही मै ना रहूं पर तू…अपनी जिन्दगी की आशाओं को नहीं खोयेगी…। और इन्हीं बातों को कहने को ईश़्वर से वह कुछ "सांसें" माँग रहा है…॥


"सांसें"


वो रो रहीउसे जीने का अरमान तू दे दे
मै आ रहा बस एक पल की सांस तू दे दे॥


इन आंसुओ की बाढ़ मे अब बह ना जाऊ मैं
माँ वक्त कम है बात तुझसे कह ना पाऊ मैं
ये आंसु अब पी लेगी तू एक आस तो दे दे...
मैं आ रहा बस एक पल की सांस तू दे दे॥




माँ याद है आँचल मे जबरातें वो काटीं थी

हर वक्त तेरे साथ जब खुशियाँ वो बांटी थी

माँ एक पल आँचल का अपने प्यार तू दे दे

मैं आ रहा बस एक पल की सांस तू दे दे॥



माँ याद है सोते समय तू सर थपाती थी
बचपन मे मुझको प्यार से बाबू बुलाती थी
बस कुछ  क्षणों की थपथपाहट आज तू दे दे
मैं आ रहा बस एक पल की सांस तू दे दे॥

खुशियों को मेरी देख के तेरा वो खिल जाना
फ़िर छोटि सी बातों पे तेरा वो बिगड़ जाना
एक बार मुझको खिलखिलाहट आज तू दे दे
मैं आ रहा बस एक पल की सांस तू दे दे॥

माँ भूल मैनें की बहुत तुझको सताया जो
हर दिन जो मैनें आज तक तुझको रुलाया जो
बस अब तो अपने आँसुओ को आज तू दे दे
मैं आ रहा बस एक पल की सांस तू दे दे॥

माँ छाती अपनी पीट मत मुझे दर्द होता है
तू नाम मेरा चींख मत मेरा दिल ये रोता है
माँ आज रुक सकता नहीं मुझको विदा दे दे
मैं आ रहा बस एक पल की सांस तू दे दे॥

माँ प्यार तुझसे है बहुत ये कह ना पाया मै
माँ एक पल भी दूर तुझसे रह ना पाया मै
माँ आज मुझको प्यार से बाहों मे तू भर दे
मैं आ रहा बस एक पल की सांस तू दे दे॥

माँ ज़िन्दगी और मौत के झासें मे आना मत
माँ देर मुझको हो भले तू लड़खड़ाना मत
माँ लौट के आऊंगा मैं वादा ये आज ले ले
मैं जा रहा हर एक पल की 'सांस' तू ले ले…॥

By... ABHAY KUMAR
                               On- 18-9-2010
                            at kavi sammelan:video                             
                                                        


6 comments:

  1. Very nice Abhay dear... its makes me cry...

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  2. @Parmeshgwal-- its all abt the perception of thoughts... which gives a way to write... well i kno a very few people have patience to read and ponder.. and i know u'v read it by heart dats y u got melted.. n thanku alot Parmesh ji to appreciate my poem.. i hope u wud be with this page in future:)

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  3. kise ka darrd likhne se or kise ka samjne se mita
    hai hum sbhi logo ki sachi sradhanjali

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  4. @neerajjaiswal- sahi kaha aapne, this world is alive... till the values in the hearts of the people who live in this planet, are green.

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  5. really superb.....माँ प्यार तुझसे है बहुत ये कह ना पाया मै…
    माँ एक पल भी दूर तुझसे रह ना पाया मै…
    Awsome !!

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  6. @anuragjoshi- thnx friend... thnx alot to appreciate... my poem... writing a elegy, now day.. hope cud able to post dat soon :)

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